Tuesday, September 19, 2006

08.अकेला



मैंने तुम्हें
बनाया था
अपना जीवन-साथी
सात फेरे करके
अग्नि को साक्षी देकर
वैदिक मंत्रोच्चार के बीच
हुआ था हमारा
प्रणय बंधन
क्या इसीदिन के लिये
कि
इस अगम संसार से
तुम विदा हो जाओ
.यूँ ही, मुझे-
अकेला छोड़कर ।
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