Tuesday, September 19, 2006

आभार


व्यक्ति अपने जीवन की प्रथम श्वांस से लेकर अंतिम साँस तक न जाने कितने लोगों का स्नेह लेकर जीता हैं, प्रेम लेकर जीता है और इस सहयोग से उऋण होना शायद उसके वश की बात नहीं है।
वैसे कोई भी व्यक्ति चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो अपने आप में पूर्ण नहीं होता । उसे हर कदम पर, पग-पग पर अन्यान्यों का सहारा लेना होता है ।
बस यही बात इस कृति के लिये भी है, जो आपके हाथों में है। इस हेतु मुझे इतना सहयोग मिला है, इतना स्नेह मिला है, इतना प्रेम मिला है, जिसके बिना इसका रूप में आ पाना संभव नहीं था । और मैं उन सबका आभारी हूँ ।
सर्वप्रथम तो मैं उन मूर्धन्य साहित्यकारों का आभार मानता हूँ जिनका सदैव ही मुझ पर वरदूहस्त रहा है। वे हैं आदरणीय श्री लक्ष्मीनारायण जी शर्मा ‘साधक’, डॉ. ध्रुवकुमार जी वर्मा, श्री फूलचन्द जी चोपड़ा एवं श्री किरण मिश्र ।

इस कृति को मूर्तरुप देने में जिन-जिन विशिष्ट हस्ताक्षरों का योगदान रहा और जिनके सद्प्रयासों से यह कृति प्रकाश में आ पायी है, मैं उनका आजीवन आभारी रहूँगा । आप हैं-श्री राजमणि राय “मणि”, डॉ. श्याम निर्मम तथा श्री जी.पी. तिवारी, जिनके मार्गदर्शन एवं अथक प्रयासों से ही इस कृति ने एक ‘नये सृजन’ का रूप लिया ।

इस अर्थप्रधान युग में जहाँ प्रत्येक वस्तु को, प्रत्येक व्यक्ति को अर्थ से ही तौला जाता है वहाँ अर्थ को महत्व न देने हुए ‘अनुभव प्रकाशन’ ने इसे संग्रह का रूप प्रदान किया । एक रनाकार के लिए इससे बढ़कर सहयोग भला और क्या हो सकता है ?
आभार है कृति के आवरण साज सज्जाकार श्री सुरंन्द्र ‘सुमन’ को तथा ‘अनुभव प्रकाशन’ के स्वामी श्री अनुभव और उनके तमाम सहयोगियों को, जिन्होंने पूरे मनोयोग से पूरी आत्मीयता से, इसे संग्रह का रुप देने में अपना योगदान दिया है ।
नवभारत, दैनिक भास्कर, देश बंधु, समवेत शिखर, माहेश्वरी, नोंकझोंक, स्वर्णिम प्रकाश आदि पत्र-पत्रिकाओं का भी आभार मानता हूँ, जिन्होंने अपने विशेषांकों और साप्ताहिकी में रचनाओं को स्थान देकर मेरा मनोबल बढ़ाया है।
विशेष आभारी हूँ मैं उन सुधिजनों का भी, उन पाठकों का भी जिनके हाथ नें यह कृति है और इस हेतु वे अपना अमुल्य समय प्रदान कर रहें हैं।
मैं उन तमाम सहयोग प्रदान करने वाले सज्जनों का ऋणि हूँ।

संभव नहीं चुका पाना इस ऋण को,
ऋण लेकर जाने से मैं डरता हूँ।
कुछ तो हल्का हो बोझा उस मन का,
इसीलिए आभार प्रकट करता हूँ ।


--नथमल झँवर
सिमगा, रायपुर
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