Tuesday, September 19, 2006

32. तुम्हारे गीत



तुम्हारे गीत
नशीले
गीत
गज़ब करते हैं।

तुम्हारे गीत
मेंहती-से
रचते हैं
गज़ब करते हैं।

तुम्हारे गीत
दुल्हन-से
सजते हैं
गज़ब करते हैं ।

तुम्हारे गीत
अधूरे गीत
अधरों में
पलते हैं
गज़ब करते हैं ।

तुम्हारे गीत
वीणा से
बजते हैं
गज़ब करते हैं ।

तुम्हारे गीत
घायल
कर जाते हैं
गज़ब करते हैं ।
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