Tuesday, September 19, 2006

35. बिटिया



अपनी नन्ही-सी
बिटिया की
किलकारी सुन
गूँज उठता है
तन-मन
खिल उठता है
पोर-पोर
तभी यह सोचकर
कि एक दिन
बिटिया विदा होगी
इस घर से,
द्वार से,
आँगन से,
सिहर उठता है, तन ।
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