Tuesday, September 19, 2006

26. सार्थक



मैं हमेशा
सार्थक बनकर
जीना चाहता हूँ
उन एक्सपाइरी डेट की
दवाइयों की तरह नहीं
जिसे लोग कहें
बेकार है
उस बेकार कहलाने से
ज्यादा अच्छा है
उस अनंत मौन में
समा जाना
जिसे लोग
मृत्यु कहते हैं ।
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